ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट्स में फ्लिपकार्ट डॉट कॉम एक बड़ा नाम है। महज 6 सालों में फ्लिपकॉर्ट टॉप ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट्स में शुमार हो गई है। 9 अक्टूबर को कंपनी ने इस बात का खुलासा किया कि एक फॉरेन इन्वेस्टर ने फ्लिपकार्ट में करीब 927 करोड़ का निवेश किया है। निश्चित ही यह एक बड़ा फिगर है। फ्लिपकार्ट के चीफ एग्जीक्यूटिव सचिन बंसल ने सोशल नेटवर्किग वेबसाइट ट्विटर पर इस बात की पुष्टि की है कि उनकी कंपनी में निवेश अब 2196 करोड़ रुपए पर पहुंच गया है। इस निवेश के साथ ही फ्लिकार्ट की वैल्यू मार्केट में लिस्टेड 15 कंपनियों, जिनमें फ्यूचर रिटेल, शॉपर्स स्टॉप शामिल हैं, से भी ज्यादा हो गई है। अब फ्लिपकार्ट मार्केट की शीर्ष कंपनियों, पी एंड जी इंडिया और टाटा ग्लोबल बेवरेजेस की श्रेणी में शामिल हो गया है। कंपनी द्वारा मिनिस्ट्री कार्पोरेट अफेयर्स को दिए डेटा के अनुसार 2011-12 में फ्लिपकार्ट का कुल रेवेन्यू 217 करोड़ था। उम्मीद की जा रही है कि 2012-2013 में रेवेन्यू करीब 2000 करोड़ रुपए का होगा।
छह साल पहले भारतीय प्रौद्धोगिकी संस्थान (आईआईटी), दिल्ली के दो पूर्व छात्रों द्वारा शुरू की गई यह कंपनी आज देश की अग्रणी ऑनलाइन शॉपिंग कंपनी है। ऑनलाइन किताब बेचने से कारोबार की शुरुआत करने वाली फ्लिपकार्ट आज तमाम तरह की चीजें बेच रही है। निर्धारित समय में प्रोडक्ट की डिलिवरी और कस्टरम को प्रोडक्ट देने के बाद पैसे की डिमांड को कंपनी ने अपनी पहचान बनाई। उसकी यही रणनीति उसकी सफलता की कुंजी साबित हुई।
फ्लिपकार्ट की शुरुआत साल 2007 में सचिन बंसल और बिनी बंसल ने की थी। दोनों ही आईआईटी दिल्ली के पूर्व छात्र हैं। दोनों ही पहले अमेजोन डॉट कॉम के लिए काम करते थे। शुरुआती दिनों में फ्लिपकार्ट डॉट कॉम केवल बुक सेलिंग पर फोकस करता था। बाद में फिर उन्होंने अपने कारोबार का विस्तार किया। फ्लिपकार्ट ने कंज्यूमर की जरूरतों को देखते हुए वेबसाइट पर कई ऑफर्स शुरू किए। इलेट्रॉनिक, एसी, कूलर्स, स्टेश्नरी और लाइफ स्टाइल प्रोडक्ट पर कई स्कीम लॉन्च की। इसी तरह से यह वेबसाइट बहुत की कम समय में बेहद लोकप्रिय हो गई।
इस समय फ्लिपकार्ट भारत की टॉप 20 बेस्ट ऑन लाइन शॉपिंग वेबवाइट में शुमार है। यह करीब 4500 लोगों को रोजगार दे रही है। बता दें कि दोनों फाउंडर ने इस वेबसाइट की शुरुआत करने के लिए करीब 4 लाख का निवेश किया था। कंपनी की ग्रोथ का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 2011-12 में कपनी 6.1 अरब रुपए का रेवेन्यू दर्ज किया था।
कंपनी के प्रबंधन की माने तो फ्लिपकार्ट को लोगों का विश्वास जीतने में काफी मुश्किलें आईं थीं। साथ ही सप्लायर्स का विश्वास हासिल करना भी एक चैलेंज था। धीरे धीरे बायर और सप्लायर दोनों का ही ट्रस्ट कंपनी ने हासिल कर लिया। कंपनी के अनुसार अब उनका चैलेंज बदल चुका है। पिछले 6 सालों में कस्टमर की डिमांड पूरा कर और प्रोडक्ट की बेहतर क्वालिटी देकर कंपनी ने अपनी साख बनाई है। अब इसे इसी तरह बनाए रखना एक चैलेंज है।
sabhar : bhaskae.com
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